Thursday, 22 January 2015

आम आदमी पार्टी, हरियाणा. हरियाणा के पानीपत में मोदी जी व् हरियाणा सरकार के द्वारा “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” के नाम पर होने वाली रैली के लिए स्कूलों में छुट्टी करने के सर्कुलर जारी किये जाने का घोर विरोध करती है.


आम आदमी पार्टी, हरियाणा 

 

आम आदमी पार्टी, हरियाणा मोदी की रैली के लिए स्कूलों में छुट्टी करने के सर्कुलर जारी किये जाने का विरोध करते हुआ, हरियाण सरकार से पूछना चाहती है कि, क्या स्कूल बंद रख कर व अध्यापकों को रैलियों में बुला कर “बेटी पढाओ” का काम पूरा किया जाना है |

   गौर तलब है कि  आज  हरियाणा के पानीपत में मोदी जी को एक रैली करनी है. खट्टर सरकार राज्य ने सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को आधिकारिक तौर पर ये आदेश दिया गया है कि वो कल सही समय पर पानीपत रैली में पहुँचे, इसके लिए अध्यापकों को हिदायत दी गई है कि वे 21 जनवरी की रात को स्कूल में ही ठहरें| सभी स्कूलों में बसों की व्यवस्था की गयी है | अध्यापकों को रैली में शामिल होने का सर्कुलर जारी करना एक तरफ अध्यापकों के अधिकारों का हनन है| वहीँ उन्हें अपने मूल काम “पढाने” के काम को अंजाम देने की बजाय रैली में शामिल रहने की हिदायत जारी करना गैर वाजिब है |

       हरियाणा सरकार “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” के नाम पर होने वाली रैली के फ्लॉप हो जाने का ऐसा डर सता रहा है कि उन्होंने स्कूलों में ही छुट्टी करा दी| वहीँ रैली के मूल मकसद पर ही प्रश्न चिन्ह लग गया है | मोदी जी को अध्यापकों की हाजरी दिखा कर अपने को बचाने की कोशिश कर रहे हैं|  सरकार को छात्र –छात्रों की पढ़ाई की कोई चिंता नहीं है |  

आम आदम पार्टी, हरियाणा के स्कूलों में भेजी गयी चिट्ठी की एक प्रतिलिपि आपके लिए साझा कर रहा है | इस पात्र/सर्कुलर के अनुसार इंद्री ब्लॉक से ही करीब 180 अध्यापकों को रैली में शामिल रहने की हिदायत दी गई है | वहीँ इसी तरह के पत्र अन्य ब्लॉक में भी जारी किये गए होंगें | इसकी जानकारी हरियाण की जनता से सांझी की जानी चाहिए |
      आम आदमी पार्टी, हरियाणा राज्य की जनता से अपील करती है कि शिक्षा का पूर्ण भगवाकरण करने की बात कहने वाले शिक्षा मंत्री से सवाल पूछे की क्या भगवाकरण करके व स्कूल बंद रख कर शिक्षा की स्थिति को सुधार जा सकता है | यह भी मांग करें कि प्रधानमन्त्री या किसी अन्य संगठन को खुश करने के लिय सरकार विधार्थियों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ ना करें

Tuesday, 13 January 2015

इतिहास गवाह है ??

//// इतिहास गवाह है ?? ....तो ठीक है आज तुलसीदास जी हाजिर हों .... ////

"इतिहास गवाह है - इतिहास गवाह है" .... सुन सुन कर मेरे तो कान पक गए - जिसको देखो अपना केस खुद लड़ रहा है - खुद मुजरिम होते हुए खुद जज बना बैठा है - और खुद पैरवी भी कर लेता है - और जब देखो गवाही बंधक बनाये इतिहास की देने को तैयार ....
तो आज मैंने भी सोचा कि मैं मेरे मन की बात को स्थापित करने हेतु इतिहास की गवाही का सहारा लूँ >>>>
इतिहास गवाह है कि तुलसीदास जी ने कहा था कि ....
// शूद्र गंवार ढोल पशु नारी - सकल ताड़ना के अधिकारी //
जिसका १/५ आंशिक पुख्ता मतलब ये है कि - "नारी ताडन की अधिकारी होती है" - यानी वो मारा-कूटी डाँट-डपट और प्रतारणा के ही लायक होती है ....
यानी ये तो मामला राष्ट्रीय महिला आयोग से संबंधित हो गया भाई .... !!!!
और मैं दावे से कहता हूँ कि यदि आज कोई भी खाप छाप नेता यदि ये सार्वजनिक रूप से कह दे कि - नारी का क्या - नारी तो होती ही ऐसी वैसी है - करो इसे प्रताड़ित .... तो जनाब मान लीजिये कि "ताड़न" "वाडन" तो छोड़ वो मिनटों में 'तड़क-तड़ाक-तड़ित' हुआ समझो - बिलकुल 'एंटीफटाक' हो विलुप्त हुआ ही समझो - जैसे ईश निंदा के इलज़ाम में हज्जारों हिमाकती होते आये हैं - बस उसका अस्तित्व बचेगा तो केवल इतिहास के पन्नों में - जहाँ लिखा जाएगा कि फलां नेता ने नारी के लिए ये ये कहा था और उसे नेस्तनाबूद कर दिया गया था - और वो आज फिर हाज़िर है गवाही के लिए - यानी ससुरी एक गवाही और तैयार ....!!!!
मित्रों मेरा आशय न तो तुलसीदास जी का उपहास करने का है और ना ही इतिहास को झुठलाने का - बस मेरा मकसद तो इतना भर है कि जो इतिहास हुआ उसे इतिहास के रूप में ही लिया जाय - उसे वर्तमान में बदनियती और कम ओछी अकल के तड़के के साथ पेश ना किया जाय .... पैगम्बर क्या कह गए बुद्ध क्या सुन गए महावीर क्या समझ गए - किसके पिछवाड़े किसने आग लगाई किसके किसने कहाँ कीलें ठोंकी किस पर किसने कितनी बार कचरा फेंका - किसके कितनी बीवियां थीं किसके कितने पति थे किसके कितने बच्चे थे - किसने किसपे आक्रमण किया था क्यूँ किया थे क्या हुआ था - गांधी स्टालिन नेहरू हेडगेवार हिटलर वाजपेयी ने क्या किया क्या नहीं किया क्यों नहीं किया आदि पर हम कब तक कुमंथन कर इतराते लड़ते बघारते रहेंगे - और चार्ली एब्दो पर गोलियां बरसाते रहेंगे ????
मित्रों मेरा निवेदन है कि कुछ समय के लिए उस बदमाश गवाह इतिहास को भूल जाएँ और "विकास" को कोर्ट के कटघरे में खड़ा कर वर्तमान के अपराधियों को पहचानें .... कृपया विचार करें कि ये रामज़ादे हरामज़ादे कौन हैं - ये लव जेहाद के जनक कौन हैं - बिन बच्चे ४-४ बच्चे पैदा करने की बात कौन पटक रहा है - अपने घर में वापसी के नाम पर आपको कौन घुसेड़ रहा है - कौन अपने पद का दुरपयोग कर रहा है और अपना और अपने पद का स्तर गिरा रहा है - कौन आपको बेवकूफ बना रहा है - कौन अपने वादों को भुला रहा है - कौन नए नए वादे फेंक रहा है ????
और यदि आपने ऐसा नहीं किया तो याद रखें - एक और जुमला इतिहास के नाम - जी हाँ इतिहास गवाही दे न दे पर - "ये निगोड़ा इतिहास आपको माफ़ नहीं करेगा" - आप समझ गए ना.

!!!! धन्यवाद !!!
    दीलीप झा