पिछले 9 वर्षों में याद करिए कि क्या क्या हुआ है-:
1. कठुवा की बच्ची के रेप के आरोपियों को बचाने के लिए रैली निकाली गई.
2. बिलक़िस बानो गैंग रेप के अपराधियों को स्पेशल तरीक़े से छोड़ा गया.
3. उन्नाव रेप
4. हाथरस गैंगरेप
5. शोषण का वीडियो आने के बाद लड़की को फँसा कर जेल में डालना (यह केस तो याद होगा?)
6. इतनी ख्याति प्राप्त महिला पहलवानों के यौन शोषण का महीनों मज़ाक़ बनाया गया.
7. ट्विटर पर सालों से विपक्ष की महिलाओं, आवाज़ उठाने वाली महिला पत्रकारों, के साथ गाली गलौज और रेप की धमकी तो चल ही रही है.
8. गुरमेहर, रिया चक्रवर्ती से लेकर तमाम महिलाएँ भीड़ का शिकार बनीं.
इस अंधराज में इनको पता है कि भीड़ बनकर जघन्य अपराध भी करो तो ये लोग बचा लेंगे. जब चुनाव हो तो ज़रूर बचाएँगे. इसे हिंदू vs अन्य बना देंगे और फिर बचाएँगे.
रेपिस्ट भीड़ और उसे बचाने वाले लोग- इससे ज़्यादा भयावह क्या है? यह भीड़ एक दिन में तैयार नहीं होती. पूरा सिस्टम लगता है इसे तैयार करने के लिए.